Title: Discussion of love in romantic literature : From traditionalism to modernity Download
Author: Dharmeet Singh
cite this article:
Singh Dharmeet, ”Discussion of love in romantic literature : From traditionalism to modernity”, Published in GYANVIVIDHA, ISSN: 3048-4537, Volume-2 | Issue-1 , Jan.-March 2025, Page No. :-80-87. URL: https://journal.gyanvividha.com/wp-content/uploads/2025/02/Dharmeet-Singh-Gyanvividha-vol2-issue-1ISSN-3048-4537-Jan.-March-2025-pp80-87.pdf
Abstract : यह शोध पत्र “रूमानी साहित्य में प्रेम का विमर्श: पारंपरिकता से आधुनिकता तक” विषय पर पारंपरिक और आधुनिक हिंदी साहित्य में प्रेम के निरूपण के परिवर्तन का विश्लेषण करता है। अध्ययन में परंपरागत ग्रन्थों एवं आधुनिक साहित्यिक रचनाओं के माध्यम से प्रेम के आदर्श, प्रतीक और रूपकों के परिवर्तनशील स्वरूप का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया गया है। सैद्धांतिक दृष्टिकोण के अंतर्गत सामाजिक, सांस्कृतिक एवं नारी विमर्श के आयामों को उजागर करते हुए यह शोध पारंपरिक प्रेम विमर्श में नैतिक मूल्यों और सामाजिक मान्यताओं की भूमिका तथा आधुनिक साहित्य में व्यक्तिगत स्वतंत्रता, भावनात्मक संघर्ष एवं लिंग आधारित विचारधाराओं के उदय का विश्लेषण करता है। साहित्य समीक्षा एवं तुलनात्मक पद्धति के माध्यम से यह अध्ययन यह प्रदर्शित करता है कि किस प्रकार सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों एवं आधुनिकता के प्रभाव ने रूमानी साहित्य में प्रेम के विमर्श को पुनर्परिभाषित किया है। शोध के निष्कर्षों से यह स्पष्ट होता है कि पारंपरिक और आधुनिक विमर्श के बीच एक संक्रमणकालीन परिवर्तन देखने को मिलता है, जो न केवल साहित्यिक शैली में नवाचार का परिचायक है, बल्कि सामाजिक संरचना एवं नारी विमर्श में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन को दर्शाता है।
Keywords : रूमानी साहित्य, प्रेम विमर्श, पारंपरिकता, आधुनिकता, हिंदी साहित्य, साहित्यिक विश्लेषण, सांस्कृतिक परिवर्तन, नारी विमर्श, प्रतीक और रूपक.
Publication Details:
Journal : GYANVIVIDHA (ज्ञानविविधा)
ISSN : 3048-4537 (Online)
Published In : Volume-2 | Issue-1, Jan.-March 2025
Page Number(s) : 80-87
Publisher Name :
Mrs Anubha Chaudhary | https://journal.gyanvividha.com | E-ISSN 3048-4537